रे मेरी आस की किरण लौट के आजा तू साथी रे। प्रिया रे।आ जा रे। रे मेरी आस की किरण लौट के आजा तू साथी रे। प्रिया रे।आ जा रे।
मुझे मिलने तू आजा किसी बहाने से तू आजा तेरी राह निहारूँ तू आजा मुझे मिलने तू आजा किसी बहाने से तू आजा तेरी राह निहारूँ तू आजा
खड़ी हूँ वहीं, खड़ी रहूँगी, खड़ी हूँ वहीं, खड़ी रहूँगी,
लौट आओ लौट आओ
मैं लौट आता हूँ तुम्हारे पास और खो जाता हूँ तुममें। मैं लौट आता हूँ तुम्हारे पास और खो जाता हूँ तुममें।
घर का भेदी लंका ढाये घर का भेदी लंका ढाये